Image Artist-Bharti, (Curtesy by the Art Galary, Delhi) |
मेरा सजन
तू कहां है, कहां है
मुझे छोड़कर
मैं दुल्हनिया तेरी
झेलूं जुदाइयां तेरी
तू कहां है, कहां है
मुझे भूलकर
प्यार की बीन बजाती हूं मैं
तू जहां भी पड़ा आजा
फिर से सीना दिखाती हूं मैं
तू इसमें समा जा
मेरे अलाबा न नजरंे मिलाइयो
न किसी को चाहिइयो
तू बस मेरा राजा...
फिर से यौवन मेर संबरने लगा
मेरा तन-मन भड़कने लगा
तू आओ तो पी लूं तुम्हें
यूं अंग-अंग मचलने लगा
तुम मुझको तरसाओ नहीं
हां मुझको सताओ नहीं
अब तो अपना करार दे जा...
मैं बुलाऊं तुम्हें तुम आते नहीं
मैं सच में रो दूंगी
तुमको कसम तुम मुझको न छोड़ो
मैं तेरे बगैर टूट जाऊंगी
तेरी बात तू जाने मेरा तुझसे जहांन
तुझमें बसा है प्राण
मेरा नहीं दूजा...
-कुलीना कुमारी, 2-12-2016
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