अपनी जिंदगी का सफर कर लूं मैं पार
बस तू साथ मेरे चलता रहे मेरे हमसफर
कांटों से भी हम ना डरेंगे
बस तू हाथ मेरा थामे रखे मेरे दिलवर
तू हंसता है तो
जिंदगी मेरी हंसने लगे हैं
तुम्हें देखकर ही
दिल मेरा चलने लगे हैं
मेरे मन की बगिया तेरे प्यार से सजी है
ये महकती रहे अगर तू प्यार करता रहे मेरे दिलवर..
मैं बेचैन तभी होती हूं
जब तू हमसे रूठ जाए
जिंदगी से ही रूठ जाने का जी करता है
जब तू अपने दिल से निकालने लग जाए
तेरे इशारों पे चलती है खुशियां हमारी
मेरी मुस्कान सजती रहे
अगर तू मेरे संग हंसता रहे मेरे दिलवर...
हमारा दिल ही ऐसा बना है
ये दिलवर के बगैर खुश रहने से इंकार करे हैं
ये कहता है उसके बाजुओं में आनंद
उसी संग सबसे सुंदर एहसास भरे हैं
मुझे धरती पे ही स्वर्ग मिल जाए
अगर अपना अमृत तू हमको पिलाता रहे मेरे दिलवर...
-कुलीना कुमारी, 5/5/2015
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