जिन्हें अवसर मिले और मंजिल छू ले
उनमें हैं क्या नई बात
जिन्हें अवसर नहीं पर मंजिल दिखे
उनमें है बात
मेरा मन तू उदास न हो
तू है सबसे खास
जिनके फूलों के रास्ते हैं
उन्हें कांटों का क्या मालूम
जिन्हें हर सुविधा हो आसान
उन्हें असुविधा का क्या मालूम
तू अपनी राहों से कांटे निकाल
मंजिल की निगाह भर ले
कोई साथी बेशक न सही
तू खुद पर यकीन कर ले
जिनके ढेर सारे हमकदम हो
जिनके ढेर सारे हमदम हो
उनमें हैं क्या नई बात
जिनके संग कोई न हो
फिर भी अकेला न हो
उनमें हैं बात
मेरा मन तू उदास न हो
तू है सबसे खास
मंजिल मिले न मिले
हसरत बड़ी चीज है
सफलता दिखे न दिखे
कोशिश बड़ी चीज है
जब जीवन तुम्हें भी मिला है
तो इसको यूं व्यर्थ न करो
तमन्ना जिधर की
उधर की तरफ तुम चलो
जिनके इशारों पर खुशियां हो
जिनकी मुट्ठी में दुनिया हो
उनमें है क्या नई बात
जिन्हें सोचने की भी आजादी नहीं
जिन्हें चलने को भी हैं राहें नहीं
वो दुनिया झुका दें
तो नई बात
मेरा मन तू उदास न हो
तू है सबसे खास
अब चलने लगा है कदम
तो रुकना न चाहूं कहीं
अच्छा-बुरा जैसा भी लगे
डरना न चाहूं कहीं
कठिनाइयां हैं बेशक बड़ी
पगडंडियां भी हैं दुर्गम सही
पर जैसी भी हूं, जहां भी रहूं
मैं राह निकाल लूं वहीं
जिन्हें बने-बनाए रास्ते मिले
जिन्हें सजे-सजाए मंजिल मिले
उनमें है क्या नई बात
जिनके राहों की अपनी निशानियां हो
जिनके नाम पे खिलती कहानियां हो
उनमें है बात
मेरा मन तू उदास न हो
तू है सबसे खास
-कुलीना कुमारी
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