Saturday 21 January 2017

फिर चले जाना, Then go



ठहर ठहर ठहर जा बलम
जरा प्यार तो कर लूं
फिर चले जाना
अभी तो प्यासा प्यासा नयन
भड़के हैं यौवन
उसे तृप्ति तो कर लूं
फिर चले जाना

तेरे लिए कितना तड़पे
कितना याद तुमको किया है
बड़ी मुश्किल से तू मिला
बड़ा तेरा इंतजार किया है
तेरी खुशबू सांसों में तो भर लूं
जो हसरत पूरा तो कर लू
फिर चले जाना

मैं तो प्यार की पहल कर करके थक गई
तुम कितना निष्ठूर प्यार नहीं जताते
मैं नारी नारी ही रहने दो
अपने शरम का पट खोल क्यों मर्दानगी नहीं जताते
तुम प्यार से निहारो मुझे
छुओ मुझे चूमो मुझे
फिर चले जाना

अभी तो तन मेरा प्यासा प्यासा
इसके अरमान तो पूरा कर दो
अगर भड़के हैं आग भड़कने दो
बुझा लो खुद को मुझको भी शीतल कर दो
अपनी हर गांठे खोलो
जो भी चाहे बोल दो
फिर चले जाना

-कुलीना कुमारी, 7/1/2015

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