पति वो सुरक्षा कवच है
जिसकी बदौलत हम अौरतें निश्चिंत रहती है
जिसकी बदौलत हम अौरतें निश्चिंत रहती है
पति वो निश्चिंतता भी है
कि तमाम दुनियादारी व आवश्यकताओं से वो हमें मुक्त रखता है
कि तमाम दुनियादारी व आवश्यकताओं से वो हमें मुक्त रखता है
पति वो अपनापन और स्नेह की छाया भी है
कि हमारे आंसू व दुख को दूर करने के लिए वो कुछ भी कर सकता है
पति वो गुरू व शिक्षक भी है
कि हमें कुशल व विशेषज्ञ बनाने के सही रास्ता दिखाता है
व दुनिया से जीतना सीखाता है
पति मां-बाप के बाद वो अभिभावक है
जो हमें खूब प्यार करता है और अपने स्नेह से सींचकर रखता है
पति हमारी दुनिया है, हमारी प्यास ही नहीं तृप्त भी है
जो हमारी मानसिक, आर्थिक व शारीरिक तीनों ही आवश्यकताओं की पूर्ति करता है
जो हमारी मानसिक, आर्थिक व शारीरिक तीनों ही आवश्यकताओं की पूर्ति करता है
पति हमारी प्रसन्नता है कि उसके साथ आनन्द और उसके बिना सब सुना-सुना लगता है
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