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अगर पैर या सर पर बेड़ियां न होती
बच्चों से प्यार न होता
मां-बाप व समाजिकता की परवाह न होती
तो देते मुँहतोड़ जवाब हम भी
नहीं सहते किसी का
और न दिखते गुलाम सा
सच पूछिये तो
ये रिश्तेदारी व मातृत्व
ही हम महिलाओं के मोह का कारण
अगर यह औरतों की मजबूती का प्रतीक
तो उससे कहीं ज्यादा यह महिलाओं की कमजोरी
उसके बंधन का कारण
बहुत बाद में महिला की अपनी इज्जत व प्रतिष्ठा आती है
और अफसोस
ये बच्चों का प्यार, जिम्मेदारियां
व वफाओं से बढ़कर नहीं होती
तभी महिला अपने इज्जत के लिए कम
घर-परिवार या बच्चों के लिए मरती दिखाई देती है
और इसी के साथ दिखता है महिला गुलामों का झूंड...
-कुलीना कुमारी, 26-11-2016
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